मौलाना साद ने लोगों को मस्जिद में आने के लिए उकसाया, ऑडियो और वीडियो संदेश भी आए सामने

मौलाना साद ने लोगों को मस्जिद में आने के लिए उकसाया, ऑडियो और वीडियो संदेश भी आए सामने

सेहतराग टीम

निजामुद्दिन में तब्लीगी जमात में शामिल कई लोगों में कोरोना के पुष्टि के बीच तब्लीगी मरकज दिल्ली के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद का आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने का मामला सामने आया है। मरकज के अधिकारिक यूट्यूब पर साद ने इन संदेशों में एक समुदाय विशेष के लोगों को कोरोना संक्रमण के दौरान सरकार के गाइडलाइन के खिलाफ मस्जिद में जमा होने के लिए उकसाया था।

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घटना के बाद से यूट्यूब चैनल से कुछ वीडियों हटा दिए गये है। हालांकि कुछ वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हो गये है। इसमें साद यह कह रहे है कि कोरोना मुस्लिम समुदाय के लोगों को डराने के लिए सरकार की यह एक साजिश  है। लोग कोरोना के डर से मस्जिद जाना ना छोड़ें। हालांकि यह वीडियों किस दिन का है, कहां का है, इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। 

तब्लीगी जमात में नियमों का हुआ उल्लघंन

बीते 12 मार्च को दिल्ली सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके तहत जो भी व्यक्ति किसी ऐसे देश से यात्रा से लौटा है जहां पिछले 14 दिन पहले कोरोना के मामले पाएं गए है तो उसे सेल्फ आइसोलेशन में रहना होगा। भले ही उसमें कोरोना के लक्षण हो या ना हो। लेकिन जमात में आए लोगों ने इसका उल्लघंन किया।

तब्लीगी जमात का आयोजन आत्मघाती- रिजवी

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के चेयरमैन व छत्तीसगढ़ के अल्पसंख्यक आयोग के प्रथम अध्यक्ष रहें इकबाल अहमद रिजवी ने कहा कि दिल्ली के निजामुद्दिन इलाके में आयोजित तब्लीगी जमात में जानलेवा प्रयास किया गया,जो दिल्ली में लागू धारा 144 का खुला तौर पर उल्लघंन है। उन्होंने इसे आत्मघाती आयोजन करार दिया। उन्होंने कहा कि जमात के इस आत्मघाती प्रयास के आयोजक के उपर कड़ी कार्यवाई होनी चाहिए। सभी धर्मों के प्रमुख ने अपने-अपने धर्मों के अराघनालयों को बंद रखा, जोकि काबिले तारिफ है।

क्या होती है मरकज और तब्लीगी जमात

तब्लीगी जमात सुन्नी मुसलमानों का एक ऐसा संगठन है जो चाहता है कि दुनियाभर के मुसलमान वैसे ही रहे जैसे पैगम्बर के समय में रहते थे। यानि उनका खान-पान, रहन-सहन और रिति रिवाज सब उसी समय का हो।माना जाता है कि इस जमात के दुनियाभर में करीब 20 करोड़ सदस्य है। 1927 में स्थापित इस जमात का गढ़ साउथ एशिया है, लेकिन करीब सौ से ज्यादा देशों में इसकी पहुंच बताई जाती है। इसकी स्थापना भारत के हरियाणा के मेवात में मुहम्मद अल इल्यास अल कंघालवी ने की थी। इसका मुख्यालय निजामुद्दीन इलाके में स्थित है।

 

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